ज्योतिष क्या है? What Is Astrology In Hindi
सारांश: ज्योतिष एक विस्तृत विषय है, इसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता है। वैसे तो पंचांग धर्म ग्रंथों के आधार पर ज्योतिष को जाना जा रहा है, लेकिन इसे जानने के लिए सरल माध्यम भी आ गया है। कई ज्योतिषीय सॉफ्टवेयर है जो ज्योतिष के बारे में बताते हैं। जिनमें ज्योतिष कैसे काम करता है बताया जाता है। इस आर्टिकल के जरिये हम आप तक कुछ ज्योतिष से संबंधित विशेष बताने जा रहे हैं।.
ज्योतिष कैसे काम करता है? Jyotish Kaise Kam Karta Hai
सनातन से जुड़े प्राचीन मुनियों ने ज्योतिष शास्त्र के विषय में अपने विचार रखते हुआ कहा है जो ज्योतिष को जानता है, वह सब कुछ जानता है। भारतीय संस्कृति का मूलाधार वेद है। वेद से ही हमें अपन धर्म और सदाचार का ज्ञान प्राप्त होता है। हमारी पारिवारिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और दार्शनिक विचारधाराओं के स्रोत भी वेद ही है। भारतीय विद्याएं वेदों से ही प्रकट हुई हैं।
वेदों के छः अंग कहे गये हैं-
- शिक्षा
- कल्प
- व्याकरण
- निरुक्त
- छन्द
- ज्योतिष।
इन्हें षड्-वेदागों की संज्ञा दी गयी है।
ज्योतिष के फलादेश और भविष्य फल के लिए तीन स्कन्धों की बात की जाती है। जिसमें सबसे पहले सिद्धान्तस्कन्ध या गणिततंत्र है, उसके बाद संहितास्कन्ध और फिर होरास्कन्ध या जातकस्कन्ध प्रमुख है। ज्योतिष के तीन स्कन्धों के अनुसार सौर, सावन, नक्षत्र, चंद्र, संवत्सर, चरखंड, छाया, नाड़ी, करण के साथ समष्टि अध्ययन और व्यष्टि का अध्ययन किया जाता है।
इसके अलावा कुंडली और कुंडली के बारह भाव, विंशोत्तरी महादशा, पंचाग, सामुद्रिकशास्त्र, स्वरविज्ञान, शकुनशास्त्र, रत्नविज्ञान और आयुर्वेद भी ज्योतिष से जुड़े हुए हैं और जातक के काल निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
क्या ज्योतिष निर्णय लेने का एक अच्छा तरीका है? Kya Jyotish Sahi Hota Hai
आजकल भविष्य की जानकारी लेना रिवाज हो गया है। कोई हस्तरेखा से, कोई जन्मपत्रिका से, कोई अंक ज्योतिष से तो कोई तांत्रिकों से भविष्य को जानने का प्रयास करता है। कुछ लोग इसे व्यापार बनाकर भ्रमित करते हैं या भविष्य को अंधकारमय बतलाकर भयभीत करते हैं। इनसे सावधान ही रहना चाहिये। जप, ध्यान, स्वाध्याय, ईश्वरभक्ति द्वारा जैसी भी हमारी स्थिति है, उसे आनन्दमय, सुखमय बना सकते हैं।
इसीलिये कहा गया है कि ‘हरि प्रसाद कछु दुर्लभ नाहीं।’ भविष्य को अनुकूल बनाकर संतोष कर प्रतिकूलता में भी अनुकूलता का दर्शन कर सकते हैं। ज्योतिष का यह महत्वपूर्ण कारण हमें आज उसकी प्रबल आवश्यकता की ओर ले जाता है।
कौन सा ग्रह निर्णय लेने का प्रतिनिधित्व करता है?
ज्योतिष में बुध ग्रह को निर्णय लेने और संचार से जुड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। बुध ग्रह की स्थिति का अध्ययन पंचम, नवम, और एकादश भाव से किया जाता है। यहाँ अलग-अलग तत्वों से अलग-अलग तरह की निर्णय लेने की स्थितियां बनती हैं। बुध ग्रह की उपस्थिति विविध प्रकार की निर्णय क्षमता को प्रभावित करती है।
चंद्रमा मन का कारक होता है और इसलिए निर्णय क्षमता में इसकी विशेष भूमिका होती है। इसके अलावा, जो ग्रह मुख्य रूप से शामिल हैं, वे हैं: बुध, चंद्रमा, और बृहस्पति। इन ग्रहों की स्थिति और प्रभाव का अध्ययन ज्योतिष में निर्णय लेने की क्षमता को समझने में मदद करता है।
ज्योतिष सॉफ्टवेयर कैसे काम करता है? Jyotish Software Kaise Kaam Karta Hai In Hindi
ज्योतिष सॉफ्टवेयर में जातक के जन्म समय, दिन और स्थान की जानकारी डाली जाती है जिसके बाद गणित, होरा और संहिता के आधार पर बना हुआ सॉफ्टवेयर कुछ ही मिनटों में जातक की कुंडली निर्माण ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के साथ दशा-महादशा, विंशोत्तरी दशा, योग-करण, गोचर, चलित तालिका एवं चलित चक्र और भविष्यफल मिल जाता है।
सॉफ्यवेयर में जातक का अतिशुद्ध जन्म समय, स्पष्ट कुंडली निर्माण के साथ भविष्यफल देखने में सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा ज्योतिष सॉफ्टवेयर की मदद से लग्न तालिका, शनि की साढ़े साती, नामकरण सुझाव, सामान्य भविष्यफल, मंगलदोष, कालसर्प दोष, दशाफल विश्लेषण की भी जानकारी मिल जाती है।
सॉफ्टवेयर की मदद से ज्योतिष निर्णय लेने में कैसे मदद कर सकता है?
ज्योतिष में मंत्रोउपासना, रत्नधारण, यंत्र और तंत्र के साथ औषधियों का प्रयोग मनुष्य के कल्याण के लिये बताये गये हैं। सॉफ्टवेयर में भविष्य की जानकारी मिलने पर जातक की कठोर और यातनाप्रद विपत्ति को एक सीमा तक उसी प्रकार अपने अनुकूल बना सकता है, जैसे नक्शा या परिचर पाकर हम किसी नये स्थान की सुगमता से दर्शन कर सकते हैं। भटकाव या दिशा-भेद से बच सकते हैं।
दुनिया में कष्टों की कमी नहीं है तो उपायों की भी कमी नहीं है। बात बस इतनी सी ही है कि हम अपनी विषमता का निदान कैसे और कितना कर सकते हैं। और उसके उपचार करने की ललक और साहस हमारे भीतर कितनी है? सॉफ्टवेयर के द्वारा भविष्य की स्थिति का ज्ञान होने से, अनिष्टकारी फल का ज्योतिष समाधान कर, जातक सही पथ-प्रदर्शन करता है।
ज्योतिष और रिश्ते
ज्योतिष, व्यक्ति के स्वभाव और रिश्तों के जुड़ने के बारे में सरल व्याख्या करता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहों की स्थिति और उनकी गतिविधियां, व्यक्ति के सम्बंधों पर सीधा प्रभाव डालते हैं, जिसका सीधा असर व्यक्ति के रिश्तों पर भी पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार, विभिन्न ग्रहों की स्थिति और योग के आधार पर व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार के रिश्ते बनते हैं और प्रभावित होते हैं। यह रिश्ते विवाह, प्रेम, मित्रता, परिवार, व्यापारिक, और सामाजिक रिश्ते जैसे अनेक प्रकार के हो सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में दूसरे व्यक्तियों से जुड़ने के कई तरीके होते हैं। इसमें ग्रहों की स्थिति, योग, और दशाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया होती है। ग्रहों की समान या योग्य स्थिति के व्यक्तियों के बीच अच्छा संबंध बनता है। व्यक्ति के रोमांटिक संबंध भी ग्रहों की स्थिति और योगों के आधार पर उसके जीवन में आते हैं तो वहीं दो व्यक्तियों की दोस्ती भी ज्योतिष में देखी जा सकती है।
काम के क्षेत्र में साझेदारी, उपयोगी संबंध, या प्रोफेशनल संबंध भी ग्रहों के प्रभाव में होते हैं। ग्रहों की स्थिति के आधार पर व्यक्ति के सामाजिक संबंध भी बनते हैं, जैसे परिवार, समुदाय, और समाज के सदस्यों के साथ।
शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में,... और पढ़ें
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